संजीव भसीन: शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप और SEBI की कार्रवाई

Suraj Singh
संजीव भसीन

हाल ही में शेयर बाजार में एक बड़ी खबर ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मशहूर मार्केट विशेषज्ञ संजीव भसीन और 11 अन्य लोगों पर शेयर बाजार में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह खबर न केवल निवेशकों बल्कि वित्तीय बाजारों में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बाजार की पारदर्शिता और निवेशकों के भरोसे से जुड़ा हुआ मामला है। इस लेख में हम इस मामले की गहराई में जाएंगे, ताजा घटनाओं, बाजार जोखिमों, और इससे जुड़े सबक पर चर्चा करेंगे, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हो।

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संजीव भसीन कौन हैं?

संजीव भसीन भारतीय शेयर बाजार के एक जाने-माने विशेषज्ञ हैं, जिन्हें “मार्केट गुरु” के नाम से भी जाना जाता है। वे IIFL सिक्योरिटीज के पूर्व निदेशक और सलाहकार रहे हैं, और विभिन्न टीवी चैनलों जैसे Zee Business और CNBC Awaaz पर अपनी स्टॉक सिफारिशों के लिए लोकप्रिय थे। उनके शो, जैसे “भसीन के हसीन शेयर”, ने लाखों निवेशकों को आकर्षित किया, जो उनकी सलाह पर भरोसा करते थे। SEBI की हालिया कार्रवाई ने उनके इस प्रभाव को सवालों के घेरे में ला दिया है।

भसीन ने अपनी सलाहों के जरिए निवेशकों को शेयर खरीदने के लिए प्रेरित किया, लेकिन अब उन पर आरोप है कि वे अपनी सिफारिशों से पहले ही स्टॉक्स खरीद लेते थे और बाद में कीमतें बढ़ने पर उन्हें बेचकर मुनाफा कमाते थे। यह एक “पंप एंड डंप” स्कीम का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत निवेशकों को गुमराह किया गया।

SEBI की जांच और कार्रवाई

17 जून 2025 को SEBI ने संजीव भसीन और 11 अन्य लोगों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। जांच में पाया गया कि भसीन ने जनवरी 2020 से जून 2024 तक विभिन्न टीवी चैनलों और IIFL टेलीग्राम चैनल के माध्यम से स्टॉक सिफारिशें दीं, लेकिन इन सिफारिशों से पहले वे और उनके सहयोगी उन शेयरों में पहले से ही खरीदारी कर चुके थे। जब उनकी सिफारिशों के बाद शेयर की कीमतें बढ़ती थीं, तो वे इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। SEBI के अनुसार, इस योजना से कुल 11.37 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई

SEBI ने अपनी अंतरिम आदेश में कहा कि भसीन ने “फ्रंट-रनिंग” की रणनीति अपनाई, जिसमें वे अपनी सिफारिशों से पहले शेयर खरीदते थे और फिर जनता को खरीदने की सलाह देते थे। इस प्रक्रिया में उनके चचेरे भाई ललित भसीन और अन्य सहयोगियों, जैसे आशीष कपूर और RRB मास्टर सिक्योरिटीज, ने भी उनकी मदद की। SEBI ने इन सभी को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोक दिया और उनकी अवैध कमाई को फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा करने का आदेश दिया।

शेयर बाजार में हेरफेर का तरीका

SEBI की जांच में सामने आया कि भसीन का यह हेरफेर एक सुनियोजित योजना का हिस्सा था। वे पहले कुछ चुनिंदा शेयरों में निवेश करते थे, फिर इन शेयरों को टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़कर सलाह देते थे। जैसे ही उनकी सिफारिशों से शेयर की कीमतें बढ़ती थीं, वे और उनके सहयोगी इन शेयरों को बेच देते थे। इस प्रक्रिया में वे वीनस पोर्टफोलियो, जेमिनी पोर्टफोलियो, और HB स्टॉकहोल्डिंग्स जैसे खातों का इस्तेमाल करते थे।

उदाहरण के लिए, SEBI ने पाया कि भसीन अपनी सिफारिशों से पहले इन शेयरों में “बाय टुडे, सेल टुमॉरो” (BTST) या इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए पोजीशन लेते थे। उनकी सलाह के बाद जब शेयर की कीमतें बढ़ती थीं, तो वे तुरंत इन्हें बेच देते थे, जिससे उन्हें भारी मुनाफा होता था। इस तरह की गतिविधियां न केवल अनैतिक हैं, बल्कि SEBI के प्रोहिबिशन ऑफ फ्रॉडुलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस नियमों का उल्लंघन भी हैं।

बाजार पर इसका प्रभाव

संजीव भसीन जैसे प्रभावशाली विशेषज्ञों पर इस तरह की कार्रवाई से शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है। लोग इस तरह की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। निवेशकों में यह धारणा बन सकती है कि टीवी और सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सलाह हमेशा निष्पक्ष नहीं होती। इससे छोटे और नए निवेशक विशेष रूप से सतर्क हो सकते हैं।

हालांकि, SEBI की इस कार्रवाई को बाजार की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। X पर चल रही चर्चाओं के अनुसार, कई लोग SEBI के इस कदम की सराहना कर रहे हैं, क्योंकि यह निवेशकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक सख्त संदेश देता है। फिर भी, यह जरूरी है कि निवेशक अपनी रिसर्च करें और केवल SEBI-पंजीकृत सलाहकारों की सलाह पर भरोसा करें।

निवेशकों के लिए सबक

इस घटना से निवेशकों के लिए कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं। सबसे पहले, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर दी जाने वाली स्टॉक सिफारिशों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। दूसरा, निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स, जैसे उसका बिजनेस मॉडल, वित्तीय स्थिति, और मार्केट पोजीशन, की गहन जांच जरूरी है। तीसरा, बाजार में “पंप एंड डंप” जैसी योजनाओं से बचने के लिए सतर्कता बरतनी चाहिए।

निवेशकों को यह भी समझना चाहिए कि शेयर बाजार में त्वरित मुनाफे का लालच जोखिम भरा हो सकता है। SEBI ने बार-बार निवेशकों को सचेत किया है कि वे केवल पंजीकृत सलाहकारों की सलाह पर भरोसा करें और निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बाजार में पारदर्शिता और नैतिकता कितनी महत्वपूर्ण है।

बाजार जोखिम (Bazaar Jhukav)

शेयर बाजार में निवेश जोखिमों से भरा होता है। बाजार में उतार-चढ़ाव, तरलता जोखिम, और पूंजी के नुकसान का खतरा हमेशा बना रहता है। संजीव भसीन के मामले से यह स्पष्ट है कि गलत सलाह या हेरफेर के कारण निवेशक भारी नुकसान उठा सकते हैं। इसलिए, निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता, और अनुभव को ध्यान में रखना जरूरी है। बाजार में कोई भी सिफारिश, चाहे वह कितनी आकर्षक क्यों न हो, पूरी तरह से जोखिम-मुक्त नहीं होती। निवेशकों को हमेशा SEBI-पंजीकृत सलाहकारों से परामर्श करना चाहिए और स्वतंत्र रूप से रिसर्च करनी चाहिए।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। लेखक SEBI-पंजीकृत निवेश सलाहकार या शोध विश्लेषक नहीं है। इस लेख में दी गई जानकारी को निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य, अनुभव, और जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखें और SEBI-पंजीकृत सलाहकार से परामर्श करें। निवेश से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और स्वतंत्र रूप से रिसर्च करें।

भविष्य का आउटलुक

संजीव भसीन के मामले ने शेयर बाजार में नैतिकता और पारदर्शिता के महत्व को फिर से रेखांकित किया है। SEBI की यह कार्रवाई बाजार में अनुचित प्रथाओं को रोकने की दिशा में एक मजबूत कदम है। भविष्य में, निवेशकों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत होगी, खासकर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर दी जाने वाली सलाहों के प्रति।

आपका इस बारे में क्या विचार है? क्या आप भी टीवी और सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सलाहों पर भरोसा करते हैं, या अपनी रिसर्च को प्राथमिकता देते हैं?

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