अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर (Reliance Power) हाल के दिनों में शेयर बाजार में चर्चा का विषय बनी हुई है। बीते कुछ महीनों में इसके शेयरों ने निवेशकों का ध्यान खींचा है, क्योंकि यह 10 साल से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गया है। आइए, इस लेख में हम रिलायंस पावर की हालिया तेजी, इसके पीछे के कारण और बाजार जोखिमों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
रिलायंस पावर शेयर में तूफानी तेजी
रिलायंस पावर के शेयरों में हालिया उछाल ने निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। 10 जून 2025 को, कंपनी का शेयर 11% से अधिक की तेजी के साथ 72.26 रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। बीते एक महीने में शेयर की कीमत में 64% की वृद्धि हुई है। यह तेजी कई कारणों से आई है, जिसमें कंपनी द्वारा कर्ज चुकाने की रणनीति और नए प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। उदाहरण के लिए, रिलायंस पावर ने सोलर और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स में निवेश की घोषणा की है, जिसमें भूटान में 500 मेगावाट सोलर और 770 मेगावाट हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
अनिल अंबानी की वापसी की कहानी
कभी कर्ज के बोझ तले दबी अनिल अंबानी की कंपनियां अब शेयर बाजार में नई उम्मीद जगा रही हैं। रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों के शेयरों में बीते तीन महीनों में 100% तक की वृद्धि देखी गई है। इसका एक बड़ा कारण कंपनी की कर्ज कम करने की रणनीति है। उदाहरण के लिए, रिलायंस पावर ने 3,872 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाकर “शून्य कर्ज” की स्थिति हासिल की है। इसके अलावा, NCLAT ने IDBI ट्रस्टीशिप की याचिका पर इंसॉल्वेंसी कार्यवाही को रोक दिया, क्योंकि कंपनी ने 92.68 करोड़ रुपये का बकाया चुका दिया। यह कदम निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है।
नए प्रोजेक्ट्स और रणनीति
रिलायंस पावर की हालिया सफलता का एक प्रमुख कारण इसके नए प्रोजेक्ट्स हैं। कंपनी ने सोलर और बैटरी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में बड़े निवेश की घोषणा की है। SECI के साथ 25 साल के लिए 930 मेगावाट सोलर और 465 मेगावाट/1860 MWh BESS प्रोजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह कदम न केवल कंपनी की आय को बढ़ाएगा, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में इसकी स्थिति को भी मजबूत करेगा। इसके अलावा, भूटान में ड्रूक होल्डिंग्स के साथ साझेदारी ने भी निवेशकों में उत्साह पैदा किया है। X पर चल रही चर्चाओं के अनुसार, ये प्रोजेक्ट्स अनिल अंबानी की कंपनियों को नई दिशा दे सकते हैं।
SEBI नियम और निवेशक जागरूकता
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के अनुसार, शेयर बाजार में निवेश से पहले पूरी जानकारी और सावधानी बरतना जरूरी है। रिलायंस पावर जैसे स्टॉक्स में हालिया तेजी ने निवेशकों का ध्यान खींचा है, लेकिन SEBI स्पष्ट करता है कि किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश से पहले उसके फंडामेंटल्स, जैसे बैलेंस शीट, कर्ज, और प्रोजेक्ट्स की प्रगति, का विश्लेषण करना चाहिए। SEBI ने हाल ही में निवेशकों को सट्टेबाजी और अफवाहों पर आधारित निवेश से बचने की सलाह दी है। उदाहरण के लिए, X पर कुछ चर्चाओं में दावा किया गया कि अनिल अंबानी का 49,000 करोड़ का कर्ज 455 करोड़ में निपट गया, जो गलत साबित हुआ। ऐसे दावों पर भरोसा करने से पहले तथ्यों की जांच जरूरी है।
बाजार जोखिम (Bazaar Jhukav)
शेयर बाजार में निवेश जोखिम से भरा होता है। रिलायंस पावर जैसे स्टॉक्स में हालिया तेजी के बावजूद, निवेशकों को कई जोखिमों का ध्यान रखना चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव (मार्केट वोलैटिलिटी), तरलता जोखिम (लिक्विडिटी रिस्क), और पूंजी के नुकसान का खतरा हमेशा बना रहता है। उदाहरण के लिए, रिलायंस पावर में रिटेल निवेशकों की करीब 50% हिस्सेदारी है, जो बाजार में अस्थिरता को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स की सफलता पर कई अनिश्चितताएं हैं, जैसे नियामक मंजूरी और तकनीकी चुनौतियां। निवेश से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और SEBI-पंजीकृत सलाहकार से परामर्श करें।
भविष्य की संभावनाएं
रिलायंस पावर की भविष्य की संभावनाएं काफी हद तक इसके नए प्रोजेक्ट्स और कर्ज प्रबंधन की रणनीति पर निर्भर करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कंपनी की बढ़ती उपस्थिति इसे लंबे समय में लाभकारी बना सकती है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि शेयर की मौजूदा तेजी में सट्टा कारोबार (स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग) की भी भूमिका हो सकती है। X पर कुछ उपयोगकर्ताओं का दावा है कि रिलायंस पावर पिछले पांच सालों में 2600% बढ़ा है, लेकिन ऐसी अतिशयोक्तिपूर्ण बातों को सावधानी से लेना चाहिए। निवेशकों को कंपनी के फंडामेंटल्स और बाजार की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शिक्षा और जानकारी के उद्देश्य से है। लेखक SEBI द्वारा पंजीकृत निवेश सलाहकार या शोध विश्लेषक नहीं है। निवेश से पहले अपने निवेश उद्देश्य, अनुभव, और जोखिम को ध्यान में रखें और SEBI-पंजीकृत सलाहकार से परामर्श करें। शेयर बाजार में निवेश में पूंजी के नुकसान का जोखिम शामिल है, इसलिए सावधानीपूर्वक निर्णय लें।
स्रोत (Sources)
- AajTak, 10 जून 2025
- Hindustan, 10 जून 2025
- AajTak, 11 जून 2025
- TV9 Hindi, 11 जून 2025
- ET Now, 17 सितंबर 2024
- CNBC TV18, 2 अक्टूबर 2024