बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, चाहे उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएं या न मचाएं। हाल ही में, उनके साल में चार फिल्में करने को लेकर फिर से चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग कहते हैं कि यह सिर्फ पैसों की खातिर है, तो कुछ मानते हैं कि अक्षय का यह जुनून और मेहनत उनकी पहचान है। लेकिन सच्चाई क्या है? हाल ही में एक इंटरव्यू में अक्षय ने इस सवाल का जवाब दिया, “मुझे अच्छा लगता है। मुझे अलग-अलग किरदार निभाने में मजा आता है। जब काम मिल रहा है, तो क्यों न करूं?” इस लेख में, हम अक्षय के इस फैसले के पीछे की वजहों, उनकी मेहनत, और इस पर लोगों की प्रतिक्रियाओं को गहराई से समझेंगे।
अक्षय कुमार का फिल्मी सफर और मेहनत की मिसाल
अक्षय कुमार ने 1991 में फिल्म ‘सौगंध’ से बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली 1992 की ‘खिलाड़ी’ से। तब से लेकर आज तक, उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उनकी शुरुआती फिल्में ज्यादातर एक्शन पर आधारित थीं, लेकिन समय के साथ उन्होंने कॉमेडी, ड्रामा, रोमांस, और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। ‘हेरा फेरी’, ‘नमस्ते लंदन’, ‘केसरी’, और ‘ओह माय गॉड’ जैसी फिल्में उनकी बहुमुखी प्रतिभा का सबूत हैं।
अक्षय की मेहनत और अनुशासन उनकी सफलता का आधार रहा है। वह सुबह जल्दी उठकर मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस करते हैं और शूटिंग के लिए समय पर पहुंचते हैं। उनके इस रवैये की तारीफ कई निर्देशक और सह-कलाकार करते हैं। लेकिन साल में चार फिल्में करने का फैसला क्या सिर्फ उनकी मेहनत का नतीजा है, या इसके पीछे कोई और वजह भी है?
साल में 4 फिल्में: पैसा या जुनून?
जब अक्षय से पूछा गया कि वह साल में इतनी फिल्में क्यों करते हैं, तो उन्होंने साफ कहा, “लोग कहते हैं कि मैं चार फिल्में क्यों करता हूं, लेकिन मैं नहीं समझता कि ऐसा क्यों न करूं। अगर काम मिल रहा है, तो मैं करूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें अलग-अलग किरदार निभाने और नए निर्देशकों के साथ काम करने में खुशी मिलती है। अक्षय के लिए यह सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं, बल्कि एक जुनून है।
हालांकि, कुछ आलोचकों का मानना है कि इतनी फिल्में करने से उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है। हाल के सालों में उनकी कुछ फिल्में जैसे ‘बड़े मियां छोटे मियां’ और ‘मिशन रानीगंज’ बॉक्स ऑफिस पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं। लेकिन अक्षय का कहना है कि हिट और फ्लॉप का सिलसिला फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा है। वह कहते हैं, “कुछ फिल्में चलती हैं, कुछ नहीं। लेकिन मैं घर पर बैठकर यह नहीं सोच सकता कि अब रुक जाऊं।”
आलोचनाएं और ट्रोलिंग: अक्षय का जवाब
सोशल मीडिया पर अक्षय को अक्सर ट्रोल किया जाता है कि वह जल्दबाजी में फिल्में पूरी करते हैं, जिससे कहानी और क्वालिटी पर असर पड़ता है। एक बार तो उनकी फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को 42-43 दिन में शूट करने की बात पर खूब मजाक उड़ा। लेकिन अक्षय इन आलोचनाओं से बेफिक्र हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “जब मेरी फिल्में चल रही थीं, तो लोग कहते थे कि यह समय पर आता-जाता है। अब जब कुछ फिल्में नहीं चलीं, तो कहते हैं कि यह समय नहीं देता।”
अक्षय का मानना है कि काम करना उनकी जिम्मेदारी है। वह कहते हैं, “अगर मैं एक फिल्म करूं, तो बाकी दिन क्या करूं? किसी के घर जाऊं?” यह बयान न सिर्फ उनकी मेहनत को दर्शाता है, बल्कि उन लोगों को भी जवाब देता है जो उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं।
बॉक्स ऑफिस का दबाव और अक्षय की रणनीति
अक्षय की फिल्मों का बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन हमेशा चर्चा का विषय रहा है। 2019 में उनकी फिल्में ‘केसरी’, ‘मिशन मंगल’, ‘हाउसफुल 4’, और ‘गुड न्यूज’ ने मिलकर 700 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। लेकिन हाल के कुछ सालों में ‘राम सेतु’, ‘सेल्फी’, और ‘बड़े मियां छोटे मियां’ जैसी फिल्में फ्लॉप रही हैं। इसके बावजूद, अक्षय रुकने के मूड में नहीं हैं।
उनकी हालिया रिलीज ‘हाउसफुल 5’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे उनके फैंस में उत्साह है। अक्षय की रणनीति साफ है: वह अलग-अलग जॉनर की फिल्में करते हैं ताकि दर्शकों को कुछ नया मिले। उनकी अपकमिंग फिल्मों में ‘वेलकम टू द जंगल’, ‘स्काई फोर्स’, और ‘खेल खेल में’ शामिल हैं, जो कॉमेडी से लेकर एक्शन तक के किरदारों को दर्शाती हैं।
फैंस और इंडस्ट्री का नजरिया
अक्षय के फैंस उनके इस जुनून की तारीफ करते हैं। X पर एक यूजर ने लिखा, “अक्षय की बहुमुखी प्रतिभा की वजह से वह साल में चार फिल्में कर पाते हैं।” लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि उन्हें साल में सिर्फ दो या तीन क्वालिटी फिल्में करनी चाहिए।
फिल्म इंडस्ट्री में भी अक्षय की मेहनत को सराहा जाता है। डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि उनकी स्टारडम अभी भी बरकरार है, और प्रोड्यूसर्स उनकी फिल्मों में निवेश करने को तैयार हैं। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अक्षय को अपनी फिल्मों के चयन में और सावधानी बरतनी चाहिए ताकि बॉक्स ऑफिस पर लगातार अच्छा प्रदर्शन हो।
भविष्य की योजनाएं और उम्मीदें
अक्षय कुमार का कहना है कि वह तब तक काम करते रहेंगे, जब तक उन्हें अच्छे किरदार और कहानियां मिलती रहेंगी। उनकी अपकमिंग फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ 2025 में रिलीज होने वाली है, जिसमें कई बड़े सितारे नजर आएंगे। इसके अलावा, ‘स्काई फोर्स’ भारतीय वायुसेना की पहली एयर स्ट्राइक पर आधारित है, जो देशभक्ति से भरी कहानी होगी।
फैंस को उम्मीद है कि अक्षय की ये फिल्में न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कामयाब होंगी, बल्कि उनकी मेहनत को भी सही मायने में सम्मान मिलेगा। अक्षय का यह जुनून और काम के प्रति समर्पण निश्चित रूप से उन्हें बॉलीवुड का ‘खिलाड़ी’ बनाए रखेगा।
निष्कर्ष
अक्षय कुमार का साल में चार फिल्में करना न सिर्फ उनकी मेहनत और जुनून का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह अपने काम को कितना प्यार करते हैं। पैसा उनके लिए एक वजह हो सकता है, लेकिन उनका असली मकसद है अलग-अलग किरदारों को जीना और दर्शकों का मनोरंजन करना। भले ही उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप हुई हों, लेकिन उनकी वापसी की ताकत को कोई नकार नहीं सकता। आखिर, ‘खिलाड़ी’ कभी हार नहीं मानता! आपका इस बारे में क्या विचार है? क्या अक्षय को कम फिल्में करनी चाहिए, या उनकी यह मेहनत उनकी ताकत है?