नमस्कार! हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। यह न केवल दैनिक जीवन की गतिविधियों के लिए शुभ-अशुभ मुहूर्त बताता है, बल्कि त्योहारों, व्रतों और ज्योतिषीय घटनाओं की जानकारी भी प्रदान करता है। आज, 7 सितंबर 2025 को रविवार है, और देवरिया, उत्तर प्रदेश के लिए यह पंचांग शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर आधारित है। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा, पूर्णिमा श्राद्ध, चंद्र ग्रहण और पितृ पक्ष की शुरुआत होने से यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, विस्तार से जानते हैं आज के पंचांग की जानकारी।
सामान्य विवरण
तारीख और दिन | 7 सितंबर 2025, रविवार |
संवत | विक्रम संवत 2082, कलयुक्त |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
मास | भाद्रपद (पूर्णिमांत) |
ऋतु | शरद (द्रिक), वर्षा (वैदिक) |
अयन | दक्षिणायन |
तिथि | पूर्णिमा, रात्रि 11:38 बजे तक |
नक्षत्र | शतभिषा, रात्रि 9:41 बजे तक |
योग | सुकर्मा, प्रात: 9:23 बजे तक |
करण | विष्टि, दोपहर 12:43 बजे तक; बव, रात्रि 11:38 बजे तक |
राशि | कुंभ (चंद्र), सिंह (सूर्य) |
चंद्र वास | पश्चिम |
दिशा शूल | पश्चिम |
नक्षत्र शूल | दक्षिण (रात्रि 9:41 बजे से पूर्ण रात्रि तक) |
सूर्य-चंद्र संबंधी समय
सूर्योदय | प्रात: 5:37 बजे |
सूर्यास्त | सायं 6:08 बजे |
चंद्रोदय | सायं 5:57 बजे |
चंद्रास्त | उपलब्ध नहीं (पूर्णिमा के कारण चंद्र पूर्ण रूप से दृश्यमान) |
शुभ मुहूर्त
आज के दिन कई शुभ मुहूर्त हैं, जो विवाह, यात्रा या अन्य शुभ कार्यों के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
शुभ मुहूर्त | समय |
---|---|
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:28 बजे से 12:18 बजे तक |
अमृत काल | दोपहर 2:51 बजे से 4:22 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 1:58 बजे से 2:48 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | सायं 6:08 बजे से 6:31 बजे तक |
निशीथ मुहूर्त | रात्रि 11:30 बजे से 12:16 बजे (8 सितंबर) तक |
अन्य शुभ समय | प्रात: 5:37 से 6:23 बजे, 10:54 से 1:12 दोपहर, 3:16 से 5:00 सायं, |
6:30 से 7:57 सायं, 7:57 से 9:34 सायं, 9:41 से 11:31 रात्रि, | |
11:38 रात्रि से 1:45 प्रात: (8 सितंबर) |
अशुभ मुहूर्त
इन समयों में शुभ कार्यों से बचें:
अशुभ मुहूर्त | समय |
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राहु काल | सायं 4:34 बजे से 6:08 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 11:53 बजे से 1:27 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 3:00 बजे से 4:34 बजे तक |
दुर मुहूर्त | सायं 4:28 बजे से 5:18 बजे तक |
भद्रा | प्रात: 5:37 बजे से दोपहर 12:43 बजे तक |
पंचक | सम्पूर्ण दिन (मृत्यु पंचक: 6:23-8:37 प्रात:, अग्नि पंचक: 8:37-10:54 प्रात:, राजा पंचक: 1:12-3:16 दोपहर, चोर पंचक: 5:00-6:30 सायं और 9:34-9:41 सायं, रोग पंचक: 11:31-11:38 रात्रि) |
आदल योग | रात्रि 9:41 बजे से प्रात: 5:37 बजे (8 सितंबर) तक |
आनंदादी योग | राक्षस (अशुभ), रात्रि 9:41 बजे तक |
विशेष घटनाएं और त्योहार
7 सितंबर 2025 को कई महत्वपूर्ण धार्मिक घटनाएं हैं:
- भाद्रपद पूर्णिमा: चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देगा, जो पूजा-अर्चना के लिए शुभ है।
- पूर्णिमा श्राद्ध: पितरों के लिए श्राद्ध कर्म का दिन। पितृ पक्ष की शुरुआत आज से हो रही है, जो 21 सितंबर तक चलेगा।
- अन्वधान: वैदिक rituals की तैयारी के लिए पवित्र दिन, विशेषकर पितृ पक्ष से जुड़ा।
- चंद्र ग्रहण (पूर्ण चंद्र ग्रहण): यह 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण है, जो भारत में दृश्यमान होगा।
- आरंभ: रात्रि 9:58 बजे (umbra से पहला संपर्क)
- मध्य: रात्रि 11:42 बजे
- समाप्ति: प्रात: 1:26 बजे (8 सितंबर)
- प्रकार: पूर्ण ग्रहण, परिमाण: 1.36
- सूतक काल: सामान्य सूतक दोपहर 11:53 बजे से प्रात: 1:26 बजे (8 सितंबर) तक; बच्चों, वृद्धों और रोगियों के लिए सायं 6:08 बजे से। ग्रहण के दौरान भोजन-जल ग्रहण न करें और आध्यात्मिक साधना करें। एशिया में पूर्ण रूप से दृश्यमान।
चंद्र बल और तारा बल
- चंद्र बल: मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ राशि वालों के लिए शुभ। कर्क राशि और कुछ नक्षत्रों (पुनर्वसु अंतिम पाद, पुष्य, अश्लेषा) के लिए अष्टम चंद्र।
- तारा बल: अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तर फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपदा, उत्तर भाद्रपदा तक शुभ; अगले दिन तक कुछ अन्य के लिए भी।
सलाह
आज पूर्णिमा श्राद्ध और चंद्र ग्रहण के कारण पितरों की पूजा पर ध्यान दें। ग्रहण के समय स्नान, जप और दान पुण्य करें। पंचक और भद्रा के कारण कुछ कार्यों में सावधानी बरतें। सभी समय स्थानीय देवरिया समयानुसार हैं। अधिक जानकारी के लिए ज्योतिषी से परामर्श लें।
जय श्री राम!
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