देवरिया, उत्तर प्रदेश में रहने वाले हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पंचांग एक महत्वपूर्ण दैनिक मार्गदर्शक है। पंचांग हिंदू कैलेंडर का हिस्सा है, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय-सूर्यास्त जैसे विवरण शामिल होते हैं। यह शुभ-अशुभ मुहूर्त, व्रत-त्योहार और अन्य ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करता है, जो पूजा-पाठ, विवाह और अन्य कार्यों के लिए उपयोगी है। आज हम 5 सितंबर 2025 (शुक्रवार) के पंचांग पर एक विस्तृत नजर डालते हैं, जो देवरिया के स्थानीय समय के अनुसार तैयार किया गया है।
आज की प्रमुख जानकारी
- दिनांक: 5 सितंबर 2025, शुक्रवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947 विश्वावसु
- मास (अमांत/पूर्णिमांत): भाद्रपद
- पक्ष: शुक्ल पक्ष
- ऋतु: वर्षा/शरद (वैदिक/द्रिक)
तिथि, नक्षत्र, योग और करण
- तिथि: त्रयोदशी (27:11 तक, अर्थात अगले दिन सुबह 3:11 तक)
- नक्षत्र: श्रवण (23:26 तक)
- योग: शोभन (13:46 तक)
- करण: कौलव (15:40 तक), उसके बाद तैतिल (27:11 तक)
ये विवरण पूजा और व्रत के लिए महत्वपूर्ण हैं। श्रवण नक्षत्र ज्ञान और अध्ययन के लिए शुभ माना जाता है, जबकि शोभन योग सफलता प्रदान करने वाला होता है।
सूर्य और चंद्र के समय
- सूर्योदय: सुबह 5:40 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:06 बजे
- चंद्रोदय: दोपहर 4:45 बजे
- चंद्रास्त: सुबह 2:46 बजे (अगले दिन)
देवरिया में सूर्य का उदय गोरखपुर जैसे पड़ोसी शहरों से मिलता-जुलता है, लेकिन स्थानीय अक्षांश-देशांतर के आधार पर थोड़ा अंतर हो सकता है।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: 11:28 AM से 12:18 PM तक (कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम)
- अमृत काल: 1:04 PM से 2:40 PM तक (शुभ कार्यों के लिए आदर्श)
ये मुहूर्त नए कार्य शुरू करने, खरीदारी या निवेश के लिए अनुकूल हैं।
अशुभ काल (इनसे बचें)
- राहु काल: 10:20 AM से 11:53 AM तक (कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें)
- यमगंड: 3:00 PM से 4:33 PM तक
- गुलिक काल: 7:13 AM से 8:46 AM तक
- दुर मुहूर्त: 11:36 AM से 11:38 AM और 11:47 AM से 11:49 AM तक (बहुत संक्षिप्त)
- वर्ज्य काल: कोई नहीं
राहु काल में यात्रा या नए कार्य से परहेज करें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
आज के व्रत और त्योहार
- शुक्र प्रदोष व्रत: आज शुक्ल त्रयोदशी होने के कारण प्रदोष व्रत है, और चूंकि दिन शुक्रवार है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष कहा जाता है। भगवान शिव की पूजा के लिए शाम के समय (सूर्यास्त से 1 घंटा पहले) विशेष महत्व है। उपवास रखकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और प्रदोष काल में पूजा करें।
- ओणम: केरल का प्रमुख त्योहार ओणम आज मनाया जाएगा। हालांकि यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में प्रचलित है, लेकिन उत्तर प्रदेश में रहने वाले मलयाली समुदाय इसे उत्साह से मनाते हैं। ओणम राजा महाबली की याद में मनाया जाता है, जिसमें पुष्प सज्जा (पुक्कलम) और साद्या भोजन प्रमुख हैं।
अन्य ज्योतिषीय विवरण
- सूर्य राशि: सिंह
- चंद्र राशि: मकर
- नक्षत्र पाद: श्रवण नक्षत्र के विभिन्न पादों में परिवर्तन होता है, जो जन्मकुंडली के लिए उपयोगी है।
पंचांग के अनुसार आज का दिन सामान्यतः शुभ है, लेकिन व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर ज्योतिषी से सलाह लें। देवरिया जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में पंचांग किसानों के लिए फसल और मौसम संबंधी निर्णयों में भी सहायक होता है।
यदि आप अधिक विस्तृत जानकारी चाहते हैं या अपनी कुंडली के अनुसार मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो स्थानीय पंडित से संपर्क करें। शुभकामनाएं!
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