देवरिया मेडिकल कॉलेज में फिर हड़कंप: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। लगभग 20 दिन पहले कॉलेज की पानी की टंकी में मिले एक युवक के सड़े हुए शव के मामले की जांच के सिलसिले में कोतवाली पुलिस द्वारा की जा रही लगातार पूछताछ से नाराज सफाई कर्मचारियों ने शनिवार सुबह हड़ताल कर दी। इस हड़ताल से सफाई कार्य पूरी तरह ठप हो गया, जिससे मरीजों और स्टाफ में हड़कंप मच गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद प्राचार्य के समझाने पर कर्मचारी काम पर लौट आए।
सुबह करीब 9 बजे सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा बिना किसी ठोस सबूत के उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है, जो उत्पीड़न का रूप ले चुकी है। एक सफाई कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम सिर्फ अपना काम कर रहे थे। शव मिलने के बाद से पुलिस हमें बार-बार बुला रही है, लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं बता रही। इससे हमारा मानसिक तनाव बढ़ गया है।” हड़ताल की खबर फैलते ही कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी मच गई। टॉयलेट, वार्ड और अन्य क्षेत्रों में सफाई न होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कॉलेज प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप किया। सुबह 11 बजे प्राचार्य ने कर्मचारियों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। प्राचार्य ने कहा, “कर्मचारियों की परेशानी समझ में आती है। हम पुलिस के साथ समन्वय कर इस मामले को सुलझाएंगे। हड़ताल से मरीजों को तकलीफ हो रही थी, इसलिए जल्द ही सब कुछ सामान्य हो गया।” इसके बाद कर्मचारी काम पर लौट आए और सफाई कार्य फिर शुरू हो गया।
यह घटना उस सनसनीखेज मामले से जुड़ी है, जो 6 अक्टूबर 2025 को सामने आया था। जिला मुख्यालय स्थित महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज की मुख्य पानी की टंकी से एक युवक का सड़ा-गली शव बरामद हुआ था। शव इतना सड़ चुका था कि आसपास के इलाके में बदबू फैल गई थी। जांच में पता चला कि मृतक महाराष्ट्र के निवासी अशोक गावंडे (45) थे, जो एक केमिकल फैक्ट्री के मालिक थे। पुलिस को शक है कि शव करीब 10 दिन पुराना था, और संभवतः हत्या के बाद उसे टंकी में फेंक दिया गया।
घटना के बाद कॉलेज में हाहाकार मच गया, क्योंकि टंकी का पानी अस्पताल में मरीजों और स्टाफ के लिए इस्तेमाल हो रहा था। हजारों मरीजों ने अनजाने में दूषित पानी पी चुके थे। इस लापरवाही के चलते तत्कालीन प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया था। जिलाधिकारी ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। सीसीटीवी फुटेज की जांच में पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं, लेकिन अभी तक हत्यारों का पता नहीं चला है।
कोतवाली पुलिस ने हड़ताल पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए सभी संबंधित लोगों से पूछताछ जरूरी है। “शव मिलने के बाद से हम कॉलेज स्टाफ, सुरक्षा गार्ड और आसपास के लोगों से बात कर रहे हैं। कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा, सिर्फ रूटीन पूछताछ है। सफाई कर्मचारियों की शिकायत पर हम विचार करेंगे।” पुलिस ने यह भी कहा कि मामले में महाराष्ट्र पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया गया है, क्योंकि मृतक वहां का निवासी था।
हड़ताल का असर कॉलेज के दैनिक संचालन पर पड़ा, लेकिन दोपहर तक सब कुछ सामान्य हो गया। मरीज संगठनों ने कॉलेज प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और सफाई व्यवस्था मजबूत की जाए। एक मरीज परिजन ने कहा, “पहले पानी का मामला, अब हड़ताल। यहां मरीजों की जान जोखिम में है।”
इस घटना ने एक बार फिर मेडिकल कॉलेज की प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने कॉलेज को निर्देश दिए हैं कि स्टाफ की शिकायतों का निस्तारण जल्द किया जाए। पुलिस जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा।
