Deoria News: व्यापारियों ने मनमाने गृह कर और जल कर के विरोध में सौंपा ज्ञापन

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28 अगस्त, 2025 को, गुरुवार के दिन, संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल (रजि.) का एक प्रतिनिधिमंडल, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल की अध्यक्षता में, देवरिया नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी (ईओ) से मिला। इस मुलाकात के दौरान, व्यापारियों ने हाल ही में लागू किए गए गृह कर और जल कर में की गई वृद्धि के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। व्यापारियों का आरोप है कि यह कर वृद्धि मनमाने ढंग से थोपी गई है और यह उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 के प्रावधानों का उल्लंघन करती है।

कर वृद्धि के खिलाफ व्यापारियों का गुस्सा

प्रदेश अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि नगरपालिका द्वारा लागू की गई कर वृद्धि न केवल मनमानी है, बल्कि यह पारदर्शिता और जनहित की भावना के खिलाफ भी है। उन्होंने मांग की कि बढ़े हुए कर को तत्काल वापस लिया जाए और कर निर्धारण की प्रक्रिया को विधिसम्मत ढंग से, व्यापारी संगठनों और सामाजिक संगठनों के साथ परामर्श के बाद ही लागू किया जाए। अग्रवाल ने यह भी जोड़ा कि कर निर्धारण में जन-सुनवाई और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है, जो इस मामले में नहीं किया गया।

नगर पालिका अधिनियम का उल्लंघन

ज्ञापन में व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 128 से 135 का हवाला दिया, जिसमें करारोपण और निर्धारण की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इन धाराओं के अनुसार, कर निर्धारण से पहले जन-सुनवाई आयोजित करना, आपत्तियों को आमंत्रित करना और उनका निस्तारण करना अनिवार्य है। धारा 131(3) के तहत, कोई भी नया कर या कर की दर में वृद्धि तब तक लागू नहीं की जा सकती, जब तक कि विधिवत सुनवाई न हो। व्यापारियों का कहना है कि नगरपालिका ने इन प्रावधानों का पालन नहीं किया, जिसके कारण यह कर वृद्धि अवैध और अन्यायपूर्ण है।

दस वर्ष की अवधि और भ्रष्टाचार का मुद्दा

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि स्व-कर निर्धारण की प्रक्रिया के अनुसार, कर निर्धारण हर दस वर्ष में एक बार होना चाहिए। हालांकि, जिन संपत्तियों का कर निर्धारण 2022-23 या 2023-24 में किया गया था, उनका भी पुनः निर्धारण 2025-26 के लिए किया जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है। व्यापारियों ने मांग की कि इस अन्यायपूर्ण प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए। इसके अलावा, उन्होंने सुझाव दिया कि कर निर्धारण के लिए प्रत्येक वार्ड में कैंप लगाए जाएं, जहां वार्ड मेंबर की उपस्थिति में पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रक्रिया अपनाई जाए।

व्यापारियों ने हाल ही में लागू किए गए गृह कर और जल कर में की गई वृद्धि के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा

नगरपालिका कर्मचारियों पर डराने का आरोप

प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आरोप लगाया कि नगरपालिका कर्मचारी लोगों के घरों पर जाकर उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। व्यापारियों ने मांग की कि इस तरह की गतिविधियों को तुरंत रोका जाए। इसके साथ ही, उन्होंने नगरपालिका से यह भी पूछा कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कितना कर वसूला गया और शासन की योजनाओं के तहत प्राप्त धन का उपयोग किन-किन वार्डों में किन कार्यों के लिए किया गया। उन्होंने मांग की कि इसकी जानकारी प्रत्येक वार्ड में बोर्ड लगाकर सार्वजनिक की जाए।

व्यापारियों की मांगें और चेतावनी

संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि नगरपालिका को नवीन गृह कर और जल कर को तत्काल निरस्त करना चाहिए। इसके अलावा, एक संयुक्त बैठक बुलाकर व्यापारी संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों के साथ परामर्श के बाद ही नया कर लागू किया जाए। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, कोई भी कर वृद्धि प्रभावी नहीं होनी चाहिए। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि नगरपालिका ने मनमानी जारी रखी, तो वे विधिक और लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध करने को बाध्य होंगे, जिसका पूरा उत्तरदायित्व नगरपालिका प्रशासन का होगा।

नगरपालिका अध्यक्ष का जवाब

नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने शासन स्तर पर पत्र लिखकर नागरिकों को राहत दिलाने की मांग की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने पहले के मुकाबले कमर्शियल टैक्स को कम किया है। श्रीमती सिंह ने नागरिकों से अपील की कि वे अपनी संपत्तियों की जानकारी सही-सही प्रस्तुत करें, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह स्वयं एक व्यापारी हैं और व्यापारी समुदाय की समस्याओं को समझती हैं।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग

इस अवसर पर संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के कई प्रमुख पदाधिकारी और व्यापारी मौजूद थे, जिनमें जिलाध्यक्ष जवाहर लाल बरनवाल, योगेश सिंह, बशिष्ठ मुनि बरनवाल, संजय गुप्ता, मार्कण्डेय व्यास, चंद्र अंकित गुप्ता, पंकज वर्मा, पवन जयसवाल, गोपाल मद्धेशिया, सौरभ केडिया, आशीष कनोड़िया, सुरेश गुप्ता, अनूप गुप्ता, राहुल कुमार, विनोद कुमार, दिनेश चंद्र, श्याम रंजन, सोनू मधेशिया, अनिल कुमार, धनेश पाल, मनमोहन, ओमप्रकाश सिंह, मुन्ना रावत, कृष्ण कुमार, राजकुमार गुप्ता, और संदीप कुमार शामिल थे।

प्रतिलिपि और आगे की कार्रवाई

ज्ञापन की प्रतिलिपि (CC) निम्नलिखित अधिकारियों और संगठनों को भेजी गई है:

  1. जिलाधिकारी, देवरिया – आवश्यक कार्यवाही के लिए।
  2. पुलिस अधीक्षक, देवरिया – विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
  3. मंडलायुक्त, गोरखपुर मण्डल – संज्ञान के लिए।
  4. नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश शासन – जानकारी और कार्रवाई के लिए।
  5. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन – संज्ञान और आवश्यक कार्रवाई के लिए।
  6. स्थानीय विधायक/सांसद – जानकारी और सहयोग के लिए।
  7. सभी प्रमुख व्यापारी और सामाजिक संगठन – समर्थन के लिए।

देवरिया के व्यापारी समुदाय ने नगरपालिका परिषद द्वारा लागू किए गए मनमाने गृह कर और जल कर के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई है। यह विरोध न केवल कर वृद्धि के खिलाफ है, बल्कि पारदर्शी और विधिसम्मत प्रक्रिया की मांग को भी रेखांकित करता है। व्यापारियों की मांग है कि कर निर्धारण में जनता की सहमति और भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और जनहित में हो। नगरपालिका प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना बाकी है।

Kundan Singh

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